78. Humne Dekha Hai...

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हमने लहरों को साहिल पे उफनते देखा है,
हमने रेत को मुठ्ठी से फिसलते देखा है|

हमने देखा है अंधकार का रौशनी से मिलन,
हमने तूफानों में चिरागों को जलते देखा है| 

कहते हैं लोग कि मोहब्बत और जंग मे सब जायज़ है,
ऐसे लोगों को इश्क मे पिघलते देखा है| 

कुछ ऐसे भी है जो कहते हैं, उनमें जज़्बात नहीं,
ऐसे लोगों को अंधेरों में सिसकते देखा है|

हमने लहरों को साहिल पे उफनते देखा है,
हमने रेत को मुठ्ठी से फिसलते देखा है...


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Hey AmazZzing Pals!!

Just some random scribblings...
Hope you like it....

Love you all😘

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