Poem: मेरी पहचान

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मेरी पहचान
दी थी यूं तो मेरी माँ ने;
सिखाया था
ना डरना कभी ख्वाब में।

ढूँढना खुशी हर
चोटी सी बात में;
ना ड़गमगाए कदम
किसी भी राह में।

आगे बढ़ना हर
जिंदगी के मोड़ पर;
मुश्किल ही मिलेगी
हर ज़िन्दगी के छोर पर।

भले ही ना हो किसी
का साथ जब काम है;
खुद पहचान बनाना ही
जिंदगी का नाम है।
©pearl_pari

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