मुस्करात

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आज चलते चलते पीछे मुड़कर देखा तो,
क्या यादें मुस्कुरा रहे थे,
और फिर सामने देखा तो,
कुछ रिश्ते दम तोड़ रहे थे।

उससे किसी और के लिए रोता देखी तो,
में भी रो पड़ती हु,
मुझे अगर वो रोते देखे तो,
आंखे पोचकर मुस्करा देती हु।

— रीशीका सिन्हा
(SavySagittarius)

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